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What is karuna reiki?

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करुणा रेकी क्या है?

करुणा रेकी (Karuna Reiki) एक उत्तम रेकी पद्धति है जिसे विलियम ली रैंड (William Lee Rand) ने विकसित किया था। “करुणा” का अर्थ है “दया” या “करुणा,” और यह प्रणाली दया, सहानुभूति, और प्रेम के सिद्धांतों पर आधारित है। इस करुणा रेकी का उद्देश्य व्यक्ति की अध्यात्मिक, मानसिक, और शारीरिक उपचार में सहायता करना होता है।

करुणा रेकी की विधि (Karuna Reiki Method)

करुणा रेकी में कई विशेष प्रतीक (symbols) और मंत्र (mantras) शामिल होते हैं, जो हीलिंग प्रक्रिया को और गहरा, अचूक और प्रभावशाली बनाते हैं। करुणा रेकी के मुख्य प्रतीक निम्नलिखित हैं:

  1. ज़ोंकाय (Zonar): यह चिन्ह ट्रॉमा और गहरे घावों को ठीक करने में मदद करता है।
  2. हॉसू (Hasu): यह चिन्ह नकारात्मक विचारों और नकारात्मक ऊर्जा को हटाने में मदद करता है।
  3. हरथ (Harth): यह चिन्ह प्रेम और करुणा की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  4. राम (Rama): यह चिन्ह ग्राउंडिंग और सुरक्षा प्रदान करता है।
  5. ग्नोसा (Gnosa): यह चिन्ह आत्म-ज्ञान और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देता है।
  6. क्रिया (Kriya): यह चिन्ह व्यक्तिगत और पेशेवर विकास में मदद करता है।
  7. ईशा (Iava): यह चिन्ह ईश्वर के साथ संबंध को मजबूत करता है।

करुणा रेकी के नियम (Karuna Reiki Principles)

करुणा रेकी के नियम भी उसुई रेकी के सिद्धांतों पर आधारित हैं, लेकिन इसमें करुणा और दया पर विशेष जोर दिया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख नियम हैं:

  1. सभी जीवों के प्रति करुणा दिखाना: अपने जीवन में करुणा और दया को प्रकट करें और सभी जीवों के प्रति सहानुभूति रखें।
  2. स्वयं की देखभाल करना: अपने शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
  3. नकारात्मकता से बचना: नकारात्मक विचारों, भावनाओं, और ऊर्जा से दूर रहें और सकारात्मकता को बढ़ावा दें।
  4. आध्यात्मिक अभ्यास: नियमित रूप से ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास करें।
  5. सहयोग और समर्थन: दूसरों की सहायता करें और उन्हें समर्थन प्रदान करें।

करुणा रेकी के लाभ (Benefits of Karuna Reiki)

करुणा रेकी के कई शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक लाभ होते हैं:

  1. भावनात्मक उपचार:
    • गहरे भावनात्मक घावों और ट्रॉमा को ठीक करता है।
    • नकारात्मक भावनाओं और नकारात्मक ऊर्जा को हटाने में मदद करता है।
  2. मानसिक स्पष्टता:
    • मानसिक स्पष्टता और फोकस को बढ़ाता है।
    • आत्म-ज्ञान और आत्म-जागरूकता को प्रोत्साहित करता है।
  3. शारीरिक स्वास्थ्य:
    • शारीरिक दर्द और बीमारियों को ठीक करने में सहायता करता है।
    • इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और स्वाभाविक उपचार प्रक्रिया को तेज करता है।
  4. आत्मिक विकास:
    • आत्मिक जागृति और आत्म-ज्ञान को बढ़ावा देता है।
    • ईश्वर और आत्मा के साथ संबंध को मजबूत करता है।
  5. संबंध सुधारना:
    • प्रेम और करुणा की ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे संबंध सुधारते हैं।
    • दूसरों के प्रति सहानुभूति और समझ को बढ़ाता है।

करुणा रेकी कैसे शुरु की जाती है? (How a Karuna Reiki Session is Conducted)

  1. प्रारंभिक चर्चा: सत्र की शुरुआत में, प्रैक्टिशनर रोगी के साथ उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं पर चर्चा करता है।
  2. हीलिंग सत्र: रोगी आराम से लेटता है और प्रैक्टिशनर अपने हाथों को विभिन्न चिन्हो और मंत्रों का उपयोग करके उनके शरीर पर या उनके ऊपर रखता है।
  3. ध्यान और मंत्र: प्रैक्टिशनर ध्यान और मंत्रों का उपयोग करके करुणा और दया की ऊर्जा को रोगी के शरीर में प्रवाहित करता है।
  4. समापन: सत्र के अंत में, प्रैक्टिशनर और रोगी सत्र के अनुभव और प्रभावों पर चर्चा करते हैं।

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