शारीरिक, मानसिक व अध्यात्मिक सुरक्षा देने वाला मणिपुर चक्र हमारे नाभि के ठीक ऊपर स्थित है और यह हमारी आत्मसमर्पणा, सत्यता, और आत्मसम्मान के साथ जुड़ा होता है। इस चक्र को विशुद्ध विलास कहा जाता है और इसे अग्नि तत्व का प्रतीक है।
अन्य नाम: मणिपुर चक्र को सूर्य चक्र और मणिपुरक व सोलर फ्लैक्सेस भी कहा जाता है।
रंग: मणिपुर चक्र का रंग पीला होता है, जो सूर्य के प्रकाश का प्रतीक है और सामर्थ्य और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।
मंत्र: मणिपुर चक्र का बीज मंत्र ॥रं॥ “ramm or rang” है। इस मंत्र का जाप इस चक्र को सक्रिय करने में बहुत मदद करता है।
मणिपुर चक्र – लाभ:
- रोग प्रतिरोधक क्षमता
- हर तरह की सुरक्षा
- सत्य की भावना और आत्मसम्मान की वृद्धि
- सामर्थ्य और स्वाधीनता की भावना
- उत्तेजना और उत्कृष्टता की भावना
- आत्मसमर्पणा और आत्म-विश्वास की वृद्धि
- समृद्धि और सफलता की भावना
- स्वास्थ्य और कुशलता की भावना
- विश्वास और संयम की भावना
- उत्कटता और समर्थन की भावना
- स्वास्थ्य और ऊर्जा की भावना
- अच्छा नेतृत्व और नेतृत्व की क्षमता
मणिपुर चक्र – महत्व: मणिपुर चक्र का महत्व यह है कि यह हमें स्वाधीनता, सत्यता, और सामर्थ्य की भावना प्रदान करता है। इस चक्र का सक्रिय होना हमें अपनी ऊर्जा को संतुलित रखने में मदद करता है और हमें उच्च स्तर के समर्थन की भावना देता है।