स्वभाव पर नियंत्रण करने वाला नाभी चक्र या स्वाधिष्ठान चक्र या स्वाधिष्ठाना पद्म चक्र नाभि के पास स्थित है और यह चक्र जल तत्व से जुड़ा होता है और इसे विभिन्न गुणों, वर्णों, तत्वों, और ग्रहों के साथ जोड़ा जाता है।
रंग: स्वाधिष्ठान चक्र का रंग रंगीन होता है, जो खुशी, सुख, और उत्तेजना का प्रतीक है।
मंत्र: स्वाधिष्ठान चक्र का बीज मंत्र ॥वं॥ “vamm or vang” है। इस मंत्र का जप स्वाधिष्ठान चक्र को सक्रिय करने में मदद करता है।
स्वाधिष्ठान चक्र लाभ:
- संतुष्टि और खुशी की भावना
- भोग और उत्तेजना का अनुभव
- संयोग और संबंधों का समर्थन
- उत्तेजना और सृजनात्मकता का प्रोत्साहन
- सेल्फ-आउट्स्पोकनेस और अभिव्यक्ति की क्षमता
- आनंद और खुशी की भावना की वृद्धि
- संतुलन और संबंधों में स्थिरता की भावना
- उत्तेजित होने में सहायक
- क्रियाशीलता और सहजता की भावना
- सपनों और वासनाओं का संबंध
स्वाधिष्ठान चक्र का महत्व: स्वाधिष्ठान चक्र का महत्व यह है कि यह हमें जीवन के आनंदों को अनुभव करने की क्षमता प्रदान करता है। यह चक्र हमें अपनी भावनाओं को स्वीकार करने और उन्हें व्यक्त करने में मदद करता है। इसका सक्रिय होना हमें जीवन में संतुष्टि और उत्तेजना की भावना को बल देता है।