शरीर के हर भाग को नियंत्रित करने वाली शक्ति आज्ञा चक्र हमारे मस्तिष्क के बीच में स्थित है, यानी दोनो आंखो के बीच मे इनका स्थान माना जाता है। और ये चक्र हमारी ज्ञान और आत्मा के साथ जुड़ा होता है। इसे थर्ड आई चक्र भी कहा जाता है और इसे ज्ञान तत्व से जोड़ा जाता है।
आज्ञा चक्र तत्व: यहां पर कोई तत्व नही माना जाता, फिर भी ज्ञान तत्व से इसका संबंध माना जाता है। जिसे ज्ञान, जागरूकता, और उच्च बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
आज्ञा चक्र का अन्य नाम: आज्ञा चक्र को गुरु चक्र, भ्रूमध्य चक्र, और त्रिकुटी चक्र भी कहा जाता है।
आज्ञा चक्र का रंग: आज्ञा चक्र का रंग अंधकारित होता है, जो अज्ञानता से जुड़ा होता है और समय का प्रतीक होता है।
आज्ञा चक्र मंत्र: आज्ञा चक्र का मंत्र ॥ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं आज्ञायै नमः॥ “OM HRAAM HREEM HROUM AAGYAAYE NAMAHA” है। ये मंत्र का जाप इस चक्र को सक्रिय करने में मदद करता है।
आज्ञा चक्र–लाभ:
- संकल्प शक्ति
- कार्य मे सफलता
- आध्यात्मिक अनुभव
- वाक् सिद्धि
- चक्र जागरण
- ऊर्जा और जागरूकता की क्षमता
- उच्च बुद्धि और ध्यान की क्षमता
- आत्मसाक्षात्कार और आत्मनिरीक्षण की क्षमता
- आत्मा के साथ संवाद की क्षमता
- उच्च नैतिकता और नैतिक अंतरात्मा की क्षमता
- स्थिरता और एकाग्रता की क्षमता
- आत्म-विश्वास और नेतृत्व की क्षमता
- भौतिक और मानसिक समर्थन की क्षमता
- सच्ची और सही जानकारी की क्षमता
- आत्मा के साथ समर्पण की क्षमता
आज्ञा चक्र–महत्व: आज्ञा चक्र का महत्व यह है कि यह हमें आत्मा के साथ संवाद, उच्च बुद्धि, और आत्मसाक्षात्कार की दिशा में ले जाता है। इस चक्र का सक्रिय होना हमें अपनी ऊर्जा को संतुलित रखने में मदद करता है और हमें उच्च स्तर के समर्थन की भावना देता है।