हर तरह का अनुभव प्रदान करने वाली विशुद्ध चक्र वाक् नियंत्रण और आत्मसाक्षात्कार के साथ जुड़ा होता है और यह हमें ईश्वरीय सत्य के साथ जोड़ता है। इसे शुद्धि चक्र भी कहा जाता है और ये आकाश तत्व पर ज्यादा प्रभाव डालता है।
तत्व: विशुद्ध चक्र का संबंध आकाश तत्व से है, जिसे शुद्धता, निर्मलता, और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।
अन्य नाम: विशुद्ध चक्र को उदार चक्र और द्वादशान्त भी कहा जाता है।
रंग: विशुद्ध चक्र का रंग नीला होता है, जो शांति, ध्यान और ऊर्जा का प्रतीक है।
मंत्र: विशुद्ध चक्र का बीज मंत्र ॥हं॥ “hamm or hang” है। इस बीज मंत्र का जाप इस चक्र को जाग्रत करने में मदद करता है।
विशुद्ध चक्र लाभ:
- संपूर्ण शरीर व मन पर नियंत्रण
- आत्मसाक्षात्कार और आत्मज्ञान की क्षमता
- विचार और बोध की ऊर्जा
- सच्चाई और ईमानदारी की भावना
- ऊर्जा और स्थिरता की भावना
- स्वयं के साथ समर्पण की भावना
- अच्छे संबंधों की भावना
- आत्मा की शुद्धि और प्रकाश की क्षमता
- सामर्थ्य और स्वाधीनता की भावना
- उत्कृष्टता और सफलता की भावना
- आत्मसमर्पण और निर्भरता की भावना
विशुद्ध चक्र महत्व: विशुद्ध चक्र का महत्व यह है कि यह हमें ईश्वरीय सत्य और आत्मसाक्षात्कार की ओर ले जाता है। इस चक्र का सक्रिय होना हमें अपनी आत्मा के साथ समर्पण और स्वयं के प्रति सहजता की भावना प्रदान करता है।